वो बार बार पूछती है कि क्या है मौहब्बत, अब क्या बताऊं उसे, कि उसका पूछना और मेरा न बता पाना ही मौहब्बत है.
दिल की धड़कन और मेरी सदा है वो; मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है वो; चाहा है उसे चाहत से बड़ कर; मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है वो!
लोग देखेंगे तो अफ़साना बना डालेंगे, यूँ मेरे दिल में चले आओ की आहट भी न हो.
ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा; क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता; फनाह होना तो रिवायत है तेरी; इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता।
चलो सिक्का उछाल के कर लेते हैं फैसला आज, चित आये तो तुम मेरे और पट आये तो हम तेरे.
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे; मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी! चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी! चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर! दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!
ख्याल में आता है जब भी उसका चेहरा; तो लबों पे अक्सर फरियाद आती है; भूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसके; जब ही उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है।
मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है; हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है; जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले; तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है।
हमें आदत नहीं हर एक पे मर मिटने की, तुझे में बात ही कुछ ऐसी थी दिल ने सोचने की मोहलत ना दी..
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है ज़रा सोच कर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है! कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है! पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है; समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है;महबूब आये या न आये; पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!
ये दिल भुलाता नहीं है मोहब्बतें उसकी; पड़ी हुई थी मुझे कितनी आदतें उसकी; ये मेरा सारा सफर उसकी खुशबू में कटा; मुझे तो राह दिखाती थी चाहतें उसकी। हिंदी शायरी दो लाइन
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो; सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो; कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू; सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
मेरे दिल के नाज़ुक धड़कनो को, तुमने धड़कना सिखा दिया, जब से मिला हैं प्यार तेरा, ग़म में भी मुस्कुराना सिखा दिया.
कुछ ऐसा अंदाज था उनकी हर अदा में, के तस्वीर भी देखूँ उनकी तो खुशी तैर जाती है चेहरे पे.
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में; मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी; मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा; और मेरी जान पैदल होगी!
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है, कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम, जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा, ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम…!
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